भारतीय मुद्रा बाजार पिछले दो दशकों में बड़ी तेजी से बड़ा है और इसमें निवेश करने वाले लोगों का पैसा भी उसी तेजी से बढ़ा है। भारत में मुद्रा बाजार आज भी भारतीय लोगों द्वारा निवेश की सही जगह नहीं मानी जाती है भारतीय लोग ज्यादातर अपने पैसे बैंक में लंबी अवधि पर जमा करते हैं और उस पर एक निर्धारित ब्याज दर प्राप्त करते हैं।
अगर आप शेयर बाजार की बात करें तो भारत में कुछ ऐसी बड़ी कंपनियां है जो हर साल नियमित तौर पर अपने निवेशकों को अपने सालाना कमाई का कुछ हिस्सा डिविडेंड के तौर पर देती है।
भारतीय शेयर बाजार मे इन कंपनियों ने पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा डिविडेंड दिया है – इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन(IOCL), भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड(BPCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड(HPCL), इंडस टावर्स लिमिटेड(Indus Towers), कोल इंडिया लिमिटेड(Coal India), पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड(PFC), आरईसी लिमिटेड(REC), एसजेवीएन लिमिटेड(SJVN), हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड(Hindustan Zinc) ऑल इंडिया लिमिटेड(OIL).
अगर हम भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो आज ही भारत की कुल जनसंख्या का 3% हिस्सा शेयर बाजार में निवेश करता है अगर हम दुनिया की दूसरों से तुलना करें जो अमेरिका में 55% ब्रिटेन में 33% चीन में 13% है।
अगर हम डिविडेंड की बात करें तो यह कंपनी के बोर्ड अधिकारियों द्वारा निर्धारित किया जाता है और उसे निवेशिकों की सूचना के लिए कंपनी की आधिकारिक website पर प्रकाशित किया जाता है भारत में किसी भी कंपनी को डिविडेंड देने के लिए बाध्य किया नहीं जा सकता।