भारत में यूपीआई की सुविधा आपको हर जगह दिखाई देती होगी किसी बड़े शॉपिंग मॉल से रेडी पटरी तक पर अगर आपसे कोई कहे कि अब आपको यूपीआई के द्वारा की गई पेमेंट के बदले चार्जेस देने पड़े तो आप हैरान हो जाएंगे। 1 अप्रैल से UPI इंटरचेंज फीस लागू होगी। यह जानने के लिए आगे पढ़ें कि वास्तव में इसका क्या मतलब है.
UPI इंटरचेंज फीस किस पर लागू होगा?
भारत में यूपीआई की सुविधा नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा संचालित की जाती है और उनका कहना है 1 अप्रैल के बाद ₹2000 से ऊपर के ट्रांजैक्शन जो वॉलेट द्वारा किए जाएंगे उन पर इंटर एक्सचेंज फीस लगेगी जो अलग-अलग व्यवसायों के लिए अलग-अलग होंगे.
इस खबर के बाद विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अफवाहे आने लगी कि अब सरकार यूपीआई ट्रांजैक्शन पर सभी से शुल्क लेगी।
इन गलत खबरों पर विराम लगाने के लिए नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से यह बताया कि यूपीआई फ्री है और जो आदेश आया है वह सिर्फ वॉलेट पेमेंट पर लागू होगा जहां पेमेंट की सीमा 2000 से अधिक होगी.
अकाउंट से अकाउंट में किए जाने वाले सभी यूपीआई ट्रांजैक्शन फ्री होंगे इसका मतलब अगर आप अपने यूपीआई अकाउंट से अपने किसी मित्र को पैसे भेजेंगे वह फ्री होगा पर अगर आप अपने वॉलेट से 2,000 से अधिक की राशि किसी दुकान अथवा अपने मित्र को देते हो तो उसके लिए आपको शुल्क देना होगा.
भारत में डिजिटल वॉलेट चलाने वाली कंपनियां paytm, phonepe और mobikwik आदि है।
भारत मे डिजिटल वॉलेट बहुत कम स्तर पर इस्तेमाल मैं लाया जाता है। इस आदेश के बाद डिजिटल वॉलेट कंपनियों के आय में वृद्धि होगी और इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी भारत में काम कर रही ज्यादातर डिजिटल पेमेंट कंपनियां कई वर्षों से नुकसान में हैं। अगर आप डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं तो अब से अगर आप अपने वॉलेट में 2000 से अधिक की राशि अपने बैंक से ट्रांसफर करते हैं तो उस पर आपको 1.1% शुल्क देना होगा.