हाल ही में भारत कोविड महामारी से बाहर आया है और सब कुछ सामान्य है लेकिन भारतीय स्वास्थ्य विभाग के लिए फिर से नया ख़तरा पैदा हो गया है। भारत में निपाह वायरस अब एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता का विषय है। केरल में हाल ही में निपाह वायरस से मरीजों की हुई मौतों ने चिकित्सा समुदाय और सामान्य आबादी में काफी चिंताएं बढ़ा दी हैं। मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाली दुर्लभ और घातक वायरल बीमारी निपाह वायरस के फैलने के खतरे के बीच केरल राज्य ने स्कूलों और कार्यालयों को बंद कर दिया है और राज्य के कुछ हिस्सों में नियंत्रण क्षेत्र घोषित कर दिया है।
निपाह वायरस क्या है?
निपाह वायरस, जिसे संक्षेप में NiV कहा जाता है, एक ज़ूनोटिक वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। इसकी पहचान पहली बार 1998 में मलेशिया में और उसके बाद सिंगापुर, बांग्लादेश और भारत में की गई थी। यह वायरस मुख्य रूप से फल वाले चमगादड़ों से जुड़ा है, जिन्हें उड़ने वाली लोमड़ी भी कहा जाता है, जो प्राकृतिक मेजबान के रूप में काम करते हैं।
इसका फैलाव कैसे होता है और लक्षण क्या हैं
निपाह वायरस का मानव-से-मानव संचरण संक्रमित व्यक्तियों के निकट संपर्क के माध्यम से होता है। निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं और इसमें बुखार, सिरदर्द, चक्कर आना, उनींदापन, श्वसन संबंधी समस्याएं और मस्तिष्क की सूजन शामिल हो सकती है, जिससे एन्सेफलाइटिस हो सकता है। गंभीर मामलों में, निपाह वायरस संक्रमण घातक हो सकता है, जिसमें मृत्यु दर 40% से 75% तक होती है।
निवारक उपाय
निपाह वायरस को फैलने से रोकना अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ निम्नलिखित निवारक उपाय सुझाते हैं:
- निकट संपर्क से बचें: निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण प्रदर्शित करने वाले व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क सीमित करें।
- हाथ की स्वच्छता: नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
- मास्क का उपयोग: सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने से संचरण का खतरा कम हो सकता है।
- अलगाव और संगरोध: संक्रमित व्यक्तियों को अलग करें और उन लोगों को अलग करें जो उनके निकट संपर्क में रहे हैं।
- फलों और जानवरों को संभालना: उन क्षेत्रों में फलों या जानवरों को संभालते समय सावधानी बरतें जहां निपाह का प्रकोप हुआ है।
- चिकित्सा देखभाल लें: यदि आप या आपके जानने वाले किसी व्यक्ति में निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लें।
दवा और टीका
आज तक निपाह वायरस के लिए कोई दवा नहीं है और निपाह वायरस को बेहतर ढंग से समझने के लिए टीके और उपचार विकसित करने के प्रयास चल रहे हैं। शोधकर्ता अधिक प्रभावी रोकथाम और नियंत्रण रणनीतियों को तैयार करने के लिए वायरस की आनुवंशिक संरचना और संचरण पैटर्न का अध्ययन कर रहे हैं।